प्रत्येक मां-बाप का एक सपना होता है। कि उनके घर भी बच्चों की किलकारियां गूंजे। किंतु कुछ परिजनों के लिए बच्चें एक मात्र सपना बनकर रह जाते है। लाखों जतन करने के बाद भी उनको संतान प्राप्ति का सुख नहीं मिल पाता है। एक तो वह खुद में ही परेशान रहने लगते है। ऊपर से सामाजिक तानों का भी शिकार होना पड़ता है।

निसंतानता कयी बार परिवारिक कलह का कारण भी बनती है। आरोप-प्रत्यारोप में जीवन अस्त-व्यस्त होकर रह जाता है।
कुछ समय बाद जब उनको कोई संतान नहीं होती है। तब उनकी चिंता बढ़ने लगती हैं और वह इधर-उधर भटकने को मजबूर हो जाते है। वह कयी बार ढोंगी बाबाओं, झोला छाप डाक्टरों के चक्कर काट-काट के परेशान हो जाते है। ये लोग इनसे बहुत सा पैसा ऐंठ लेते है। किंतु फिर भी उनको परिणाम संतोषजनक नहीं मिल पाता है।

जैसा कि हम लोगों को पता होगा कि आजकल एक प्रचलन चल पड़ा है। जिसको हम लोग टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से जानते हैं। लेकिन इसमें भी 8 से 10 लाख रूपये का खर्चा आता है। जो कि बहुत से परिजनों की पहुंच से बाहर होता है। और मान लो कोई परिजन कुछ ना कुछ करके पैसों का इंतजाम कर लेते है। तब भी इसमें कोई सत प्रतिशत् गारंटी नहीं होती है। कि परिणाम उनके अनुरूप ही होगा। हमनें तो कयी परिजनों को इस चक्कर में बर्बाद होते भी देखा है।
हां वह परिवार चाहे तो किसी बच्चे को गोद ले सकता है। किंतु उसमें भी इतने ज्यादा नियम और कानून बन गये है। कि मिडिल क्लास फैमिली के लिए किसी बच्चे को गोद लेना बहुत मुश्किल कार्य हो जाता है।

हमारे पूजनीय गुरूजी श्री सौरभ महराज जी इन्हीं सब परिस्थितियों को देखते हुए। निसंतान दंपत्तियों की सहायता करने का बीड़ा उठाया है। उनकी संस्था भाग्य मंदिर परिवार विगत वर्षों से गरीब एवं असहाय लोगों की मदद करता आया है। चाहे वह गरीबों को भोजन खिलाना हो, गरीब बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था हो या फिर ठंड में ठिठुरते लोगों को कंबल बांटना हो। भाग्य मंदिर परिवार गुरूजी के सानिध्य में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी आदरणीय गुरूजी सौरभ महराज जी निसंतानता जैसे अभिश्राप को समाज से दूर करने को प्रतिबद्ध है। और इस दिशा में उन्होंने कयी निसंतान दंम्पत्तियों का जीवन खुशियों से भरा है।
आदरणीय गुरूजी के परामर्श और उनकी दी गयी जड़ी बूटियों का चमत्कारिक परिणाम ने हजारों परिवारों में खुशियां भर दी है। आप भी निसंतानता को एक अभिश्राप ना माने। एक बार आदरणीय गुरूजी से अवश्य संपर्क करें।