इस दिन करें भगवान सत्यनारायण की पूजा, करें दान पुण्य



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह पूर्णिमा तिथि आती है, लेकिन पौष माह की पूर्णिमा का एक अलग महत्व् है। इस पूर्णिमा के बाद ही माघ माह का आरंभ होता है। मोक्ष की कामना करने वालों के लिए इस पूर्णिमा का अत्यधिक महत्व है।वहीं शास्त्रों में शुक्ल पक्ष को देवताओं का समय कहा जाता है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा के साथ साथ विष्णुजी की पूजा की जाती है। इस बार यह पूर्णिमा 06 जनवरी शुक्रवार को पड रही है।

ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन ब्रम्हमुहूर्त में पवित्र नदी के जल से स्नान करता है उसके लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। जीवन-मरण के चक्र से उसे छुटकारा मिलता है। उसे भगवान विशेष आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यही नहीं ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन जो भी कार्य प्रारंभ किया जाता है उसमें सफलता अवश्य मिलती है। 

दान पुण्य अवश्य करें
प्रत्येक पूर्णिमा की तरह इस पूर्णिमा में भी स्नान के बाद दान का अत्यधिक महत्व है। इस दिन भी स्नान, दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है। इस दिन दान करने या किसी गरीब को भोजन कराने से देवों का विशेष आशीर्वाद मिलता है। इस दिन दीपदान का भी महत्व है। 

पूजा विधि
पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और पवित्र नदी में स्नान करें।
यदि नदी तक पहुंचना संभव ना ही तो घर पर पानी में थोड़ा गंगा जल डालकर स्नान करें।  
इसके बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।  
इसके बाद विधिपूर्वक भगवान सत्यनारायण का पूजन करें।
भगवान को पुष्प, फल, मिठाई, पंचामृत और नैवेद्य अर्पित करें। 
इसके उपरांत भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें या पढ़ें।  
दिन भर व्रत रखकर भगवान का मनन करें।  
रात में चंद्र दर्शन करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।



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